Tuesday, November 8, 2011

Nov 8th 2011 - Ye Mera Deewanapan hai

Song : ये मेरा दीवानापन है
Film: यहूदी
Actors in the song: दिलीप कुमार
Singer: मुकेश
Composer: शंकर- जयकिशन
Lyricist: शैलेन्द्र
Year: १९५८ 


जुदाई का ग़म मोहोब्बत में बहुत खलता है, पर मोहोब्बत तो खैर मोहोब्बत है, और वो कहती है के तू चाहे कोई भी हो, कैसा भी हो..पर मेरा प्यार हमेशा तुम्हारे लिए था और रहेगा...

आशिक दुःख में, विरह में भी येही कहता है, "तुम्हे मेरे दिलसे, जज्बातों से चाहे कुछ लेना न हो, पर मुझे तो मेरी मोहोब्बत पे नाज़ है, गुरूर है, और वो ऐसे ही कायम रहेगा, और पूरी दुनिया को मनवा के भी रहूँगा..."

"दिल से तुझको बेदिली है..
मुझको है दिल का गुरूर
तू ये माने के न माने..
लोग मानेगे ज़ुरूर.."

मोहोब्बत यहाँ महज़ इश्क या अकीदत नहीं, इबादत हो गई है...तुम्हारे बगैर भी तुमको ही चाहना है, तुमको ही जीना है. हाँ मुझे अब भी तुम्हारा इंतज़ार है, अब भी तेरी ही तमन्ना है और मैं इंतज़ार करूंगा तुम्हारा हर हाल में, अपनी आखरी सांस तक. 

"चाहे तू आये न आये
हम करेंगे इंतज़ार..."

ये गाना एक ऐसी महफ़िल है उस्तादों की...जहाँ सारे के सारे रत्न एक साथ मिलके एक अमर कृति तैयार करते है और की भी है ही..शैलेन्द्र के बोल और शंकर-जयकिशन की धुन, मुकेश की आवाज़ और युसूफ साब की अदाकारी..और क्या चाहिए एक गाने को अमर बनाने के लिए???

आशिक हर हाल में आशिक है और वो अपने महबूब से येही कहता है की भले तुने मुझे भुला दिया हो पर मैं कैसे भूल जाऊं तुम्हे? मैं तो यूँही चाहूँगा...तेरा नाम लेते-लेते मर ही जाऊँगा..तब तुम क्या करोगी अगर तब ज़रुरत पड़ी मेरी या मेरे प्यार पे यकीन आया? आजाओ मेरे पास..अब भी वक़त है..अबतक साँसे चल रही है मेरी...

"ऐसे वीराने में एक दिन
घुट के मर जायेंगे हम
जितना जी चाहे पुकारो 
फिर नहीं आयेंगे हम"

Monday, November 7, 2011

7th November - Zindagi Ki Na Toote Ladi


Song : ज़िन्दगी का न टूटे ladi
Film: क्रांति 
Actors in the song: हेमा मालिनी, मनोज कुमार 
Singer: नितिन मुकेश, लता मंगेशकर 
Composer: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल 
Lyricist:  मनोज कुमार( let me know if I am wrong)
Year: १९८१ 

ज़िन्दगी पलों से बनती है, एक-एक घडी को जी भर के जीने का नाम ज़िन्दगी है. प्यार भी वैसा ही होता है, ज़िन्दगी के जैसा, हर एक घडी को दिल से जीओ, और उन घड़ियों में प्यार करो.
और वोही ज़िन्दगी है, जो प्यार में बीते, बाकी की घड़ियाँ या तो उस प्यार की आने वाली घडी के इंतज़ार में गुज़रती है, या उन घड़ियों को याद करके, जब जी भर के प्यार किया था अपने चाहने वाले से.

कल क्या होगा, या क्या होने वाला है, उसपे न तो किसी का बस चला है और नाही चल सकता है, इसी लिए ये और भी ज़रूरी हो जाता है, के जो पल अपने हाथ में है, उनको जी भर के जीलो, प्यार करने में बिताओ उन पलों को और फिर देखो ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत होके रहेगी, वो पल हमेशा साथ चलेंगे..ज़िन्दगी भर...

"लम्बी-लम्बी उमरिया को छोड़ो, प्यार की एक घडी है बड़ी" येही पुकार होती है आशिकों की जब आपके हाथ में बस कुछ एक घड़ियाँ ही होती है प्यार जताने की, प्यार करने की, प्यार पाने की.

ये गाने में वो सारे emotions है जो मोहोब्बत में होते है, जुदाई की बातें, दर्द, बेपनाह मोहोब्बत, और एक वादा, हमेशा संग रहने का, साथ जीने का..प्यार करने का...

नितिन मुकेश ने काफी अच्छे से निभाया है इस गाने को. खैर पिताजी जैसी बात तो नहीं है..पर मनोज कुमार के पास शायद इससे अच्चा option  नहीं होता इस गाने के लिए .जैसे पहले भी कहा है...अब भी कहूँगा..मैं लता की तारीफ़ नहीं ही करूंगा..मेरी हैसियत नहीं है.

पर नितिन मुकेश की आवाज़ कभी-कभी सीधी दिल के पार उतर जाती है...

जब प्यार की बात होती है, तो ज़िन्दगी, मौत, जुदाई, सब बेमानी होता है...बस प्यार होता है..बस प्यार...येही सच्चाई है..प्यार अमर है, ज़िन्दगी और मौत से परे है...प्यार हमेशा कायम रहता है...

"आज से अपना वादा रहा
हम मिलेंगे हर एक मोड़ पर
दिल की दुनिया बसायेंगे हम
ग़म की दुनिया का घर छोड़ कर
जीने मरने की किसको पड़ी
प्यार करले घडी-दो-घडी"


Saturday, November 5, 2011

Nov 6th 2011 - Dil Aaj Shayar Hai

Song : दिल आज शायर है, ग़म आज नग़मा है
Film: गेम्ब्लेर
Actors in the song: देव आनंद, ज़ाहीदा 
Singer: किशोर कुमार 
Composer: सचिनदेव बर्मन
Lyricist:  गोपालदास नीरज

Year: १९७३

"गैरों के शेरों को ओ सुनने वाले, हो इस तरफ भी करम"
दिल टूटता है जब, तो दर्द भी निकलता है, और गुस्सा भी आता है उसपे जिसपे जान लुटाते थे.

उसे वो सब कुछ कहने का मन करता है जो आपके दिल में है, और वो जो भूल चूका है. बीती मोहोब्बत उसे याद करवाने का मन भी करता है और ये एहसास दिलवाने का मन भी करता है, के उसने किसको छोड़ दिया है. मेरी मोहोब्बत किसी और से क्यों बेहतर है, और क्यों कोई तुम्हे मुझ जैसे नहीं ही चाह सकता, ये विश्वास तो प्रेमी को होता है, पर वो उसे अपने महबूब को भी बार-बार याद करवाने की कोशिश करता है.

नीरज की लिखी ये कविता इस फिल्म मैं बतौर गाने की शकल में सामने आती है, और दादा बर्मन के संगीत में ढल कर किशोरदा की आवाज़ में देव आनंद की शकल लेके हम से मिलती है. दादा ने कविता को कविता ही रहने दिया है और उसे गाना बनाने की कोशिश बिलकुल नहीं की है, एक भी पंक्ति दूसरी बार नहीं आती है इस में...बस सीधे-सीधे गा के बात सामने रख्खी है और शायद येही इस गाने की खूबसूरती है.

एक गज़ब का दर्द है इस कविता में, और गुस्सा भी है, मगर जिस तरह से इसे पेश किया गिया है, कई जगहों पर इल्तेजा भी लगती है.पर सबसे खूबसूरत हिस्सा है वो जहाँ शायर/आशिक अपने प्यार को जानता है, अभिमान है उसका वो प्यार और कहता है , 

"है प्यार हमने किया जिस तरह से, उसका न कोई जवाब
ज़र्रा थे लेकिन, तेरी लौ में जलकर, हम बन गए आफताब
हमसे है जिंदा वफ़ा और हम ही से, है तेरी महफ़िल जवान
हम जब न होंगे तो रो-रो के दुनिया पूछेगी मेरे निशाँ...





Friday, November 4, 2011

Nov 5th 2011 - Tujhse Naaraz Nahin Zindagi

Song : तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी
Film :  मासूम
Actors in the song: नसीरुद्दीन शाह, जुगल हंसराज
Singer: अनूप घोषाल
Composer: राहुलदेव बर्मन
Lyricist:  गुलज़ार 
Year: १९८३ 

बात बड़ी साफ़ है, सीधी है..ज़िन्दगी हर एक मोड़ पे एक सवाल के साथ खडी ही होती है, सवाल का जवाब दो और आगे बढ़ते चलो...ज़िन्दगी से कोई परेशान तो नहीं ही होता, हाँ, कुछ एक सवाल सोचने पे मजबूर कर ही देतें हैं, कुछ देर तक परेशान भी करते ही हैं.

कुछ सवाल ऐसे भी होते है, जिन्हें थोड़ी देर तक टाला तो जा सकता है पर कभी न कभी उनका भी जवाब देना पड़ेगा ही. उन सवालों के जवाब कैसे दिए है आपने..ज़िन्दगी बस उसी पे निर्भर करती है.

आज के ये गाना..एक पूरी की पूरी फिलोसोफी है, के ज़िन्दगी कैसे जीनी चाहिए और रिश्ते कैसे निभाने चाहिए.
बात वो मुश्किल सवालों की नहीं है, उन्हें तो शायद हर कोई बूझ लेता ही है, क्योंकि उनके लिए हम सब थोड़ी बहुत तो तैयारी करते ही है, बात उन मासूम सवालों की है, जो उन छोटे-छोटे ज़िन्दगी के मोड़ पे मिलते है, जो हमे चक्रा देते है. उन्हें बूझ लो फिर देखो की कैसे कभी धुप में ठन्डे साए भी मिलते है और कभी ग़म रिश्ते भी समझाता है.

गुलज़ार साब के लिखा हुआ ये गाना, ये साबित करता है की, रिश्ता चाहे बाप और बेटे में हो या प्रेमी-प्रेमिका में, जो सवाल उठते है रिश्तों में वो काफी हद तक वोही रहते है. बात कोई एक special सपने को संजो के रखने की हो या एक आंसूं को छुपा के रखने की या उस डर की हो के "कल क्या पता किनके लिए आँखें तरस जायेंगी?"

ये गाना, एक गाने से ज्यादा एक पूरा scene  है, जहाँ दो किरदारों के बीच छोटी छोटी पर बहुत ही महत्त्वपूर्ण बातें होती है..और वो सवाल होते है..जो आपके चेहरे पे मुकुराहट के साथ आपकी पलकें भी गीली कर देते हैं.
पंचम का सगीत..हर एक बोल को जिंदा कर देता है.

"आज अगर भर आई है...बूँदें बरस जायेंगी
कल क्या पता, किनके लिए आँखें तरस जायेंगी?"

वाह!!

Thursday, November 3, 2011

Nov 4th 2011 - Mere Dil Mein Aaj Kya Hai


Song : मेरे दिल में आज क्या है, तू कहे तो मैं बतादूँ
Film: दाग़
Actors in the song: शर्मीला टगोर, राजेश खन्ना 
Singer: किशोर कुमार 
Composer: लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल
Lyricist:  साहिर लुधियानवी
Year: १९७३

मोहोब्बत समाज के बनाये रिश्तों के परे होती है, पहली मोहोब्बत कभी भुलाई नहीं जाती, और नाहीं कभी भूलती है..वो ज़िन्दगी के किसी न किसी मकाम पर आपसे फिर से रू-बा-रू होती ही है.. ये बात से कोई फर्क नहीं पड़ता के उस वक़्त ज़िन्दगी में आपकी क्या चल रहा है, या आपका हमसफ़र कौन है उसवक्त...अगर वो पहली मोहोब्बत सामने आएगी आपके, तो वही  पुराने जज़्बात फिर से उभर आयेंगे ही, आप चाहे कुछ करलो, वो आँखों से या लबों से निकल ही आयेंगे...आँखों से आंसूं के रूप में, और लबों से एक पुकार, एक टीस के साथ निकलके येही कहेगी.."तुझे देवता बनाकर मेरी चाहतों ने पूजा, मेरा प्यार कह रहा है..के तुझे ख़ुदा बना दूं...तेरी ज़ुल्फ़ फिर संवारूं , तेरी मांग फिर सजादूं ".....


हम क्यों जुदा होता है और क्यों किसी और से मिलते है, ये अपने बस में नहीं होता, हालात पे इंसानों का बस नहीं चलता, पर जो मोहोब्बत दिल में है..वो संभाले रखना ज़रूरी है, मैं आज कौन हूँ, वो बस उसके ऊपर निर्भर करता है के मैं कल कौन था? माज़ी की दखल के बगैर न आज होता है और नाही मुस्तकबिल बनता है.

साहिर साब का ये गाना ये सारे जज्बातों को इतनी बखूबी से पेश करता है की आपके मूंह से वाह निकले बिना नहीं रहती...और जब किशोर अपनी मादक आवाज़ में वो जज़्बात पेश करते है वो एक पल ज़रूर ये असमंजस होती है के ज्यादा तारीफ़ किसकी करें..शायर की या गायक की...

बात वोही है जो ग़ालिब ने कही थी..."तू देख के क्या रंग है तेरा मेरे आगे..."


ये गाना महेज़ गाना न होकर, ज़िन्दगी की वो सबसे बड़ी सच्चाई को पेश करता है..के मोहोब्बत शाश्वत है..कभी नहीं मरती...वो जज़्बात जो आशिक के अपने महबूब के लिए होते है..वो हमेशा, ता-उम्र जिंदा रहते है, वो ख्वाहिशें कभी ख़त्म नहीं होती, वो दर्द कभी खत्म नहीं होता, और वो आरजू भी वैसे ही बरक़रार रहती है...और मोहोब्बत हर मौके पे साबित करके को तत्पर रहती है, के हाँ मैं अब भी वोही हूँ...शायद तुम ही आगे निकल गए...


"मेरे बाजूंओं  में आकर तेरा दर्द चैन पाए..
तेरे गेसूओं में छुपकर मैं जहाँ के ग़म भूलादूं"

Wednesday, November 2, 2011

Nov 3, 2011 - Ye Dil tum Bin Kahin Lagta Nahin

Song : ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं
Film: इज्ज़त
Actors in the song: तनूजा, धर्मेन्द्र
Singer: लता मंगेशकर और मोहोम्मद रफ़ी
Composer: लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल
Lyricist:  साहिर लुधियानवी
Year: १९६८




हर एक गाने को पसंद करने की वजह अलग होती है...कुछ गानों में आपको बस एक दो वजह मिलती है तो कुछ गाने ऐसे भी होते है, जो आपको वजह ढूँढने पे मजबूर कर देते है. 

आज का ये गाना बहुत हद तक ऐसा ही है, एक तो रफ़ी-लता का duet, साहिर साब ने लिखा है और एक एक लफ्ज़ ऐसा लगता है के हर मोहोब्बत करने वाले के लिए लिखा गया हो...ये गाना आया तो था ४३ साल पहले, पर ये आज की तारीख़ में भी उतना ही relevant है, सही है...आज की तारीख़ में भी हर एक मोहोब्बत करने वाले  की ज़िन्दगी में ये दौर कभी न कभी तो आता ही है के आपको अपने महबूब से पूछना पड़े के,  "ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं हम क्या करें?"

दिल को छु लेने वाले बोल अच्छे तो होते ही हैं..पर जब लता बाई अपनी आवाज़ में आपसे इल्तेजा करे के "तुम्ही कहदो अब  ए जान-ऐ-वफ़ा, हम क्या करें?"..तो उसका जवाब देने के लिए सिर्फ साहिर साब के बोल नहीं..रफ़ी साब की आवाज़ भी चाहिए.."मोहोब्बत ही का ग़म तनहा नहीं हम क्या करें?"

एक अजब कशिश है इस गाने में, एक खिंचाव है, दर्द है...मैं नहीं समझता के दोनों अदाकार वो दर्द को परदे पे दिखाने में १०० % कामियाब हुए है..पर जब गाना इतना सुन्दर हो तब अदाकारी को एक हद तक  नज़रअंदाज़ कर सकते हो ( ये मेरी अपनी राइ है, आपका personal opinion अलग हो सकता है)
जज़्बात चाहे जो भी हो..आप उसे कैसे लेते हो वो तो बस आप पे निर्भर करता है..सिर्फ पहली पंक्ति लेलो तो आप उसे ख़ुशी में भी गुनगुना सकते हो और ग़म में भी, पर हाँ जवाब पाने के लिए महबूब का होना बहुत ज़रूरी है....
"किसी के दिल में बस के दिल को तडपना नहीं अच्छा
निगाहों को झलक दे-दे के छिप जाना नहीं अच्छा
उम्मीदों के खिले गुलशन को झुलसना नहीं अच्छा
हमे तुम बिन कोई जंचता नहीं..हम क्या करें?"

Tuesday, November 1, 2011

Nov 2 2011 - Dil to hai dil, dil ka aitbaar kya kijiye


Song : Dil to hai dil, dil ka aitbaar kya kijiye
Film: Muqaddar Ka Sikandar
Actors in the song: Rakhee, Amitabh Bachchan & Vinod Khanna
Singer: Lata Mangeshkar
Composer: Kalyanji-Anandji
Lyricist: Anjaan
Year: 1978

There is something beautiful about the song, isn't it?? I know, I know its a beautiful composition and very well sung and Rakhee looks beautiful in the saree and those bong eyes can penetrate you deep inside, Amitabh always looks good and the better looking Vinod Khanna is sometimes forgotten in the song and also in the movie.. but apart from that that there is something which makes it so nice and so close to the heart...

बात सच्ची है...शायद इसी लिए अच्छी लगती है.."आगया जो किसी पे प्यार क्या कीजिये?"
दिल का ऐतबार तो नहीं ही हो सकता..और बड़ी गहन बात को इतने सरल शब्दों में बयान किया है अनजान साब ने..."प्यार में तेरे दिल का मेरे जो भी अंजाम...बेक़रारी में है करार क्या कीजिये?"

यहाँ कोई शर्म या हया नहीं है..बस प्यार है जो सर चढ़ के बोल रहा है...और प्यार तो अक्सर ऐसे ही बोलता है...
the other beauty of the song is the tune..simple, sweet और तुरंत जुबां पे चढ़ जाने वाली...लताबाई की तारीफ़ तो नहीं ही करूंगा...सूरज को दिया दिखने की बात..मेरे बस की बात नहीं है...so lets leave the singer part aside...yes but in the entire song u can almost feel the blushing and smile on the face of the singer and which brings the smile on our face to when we hear the song...

AND the PIANO...damn..I miss the piano songs in hindi movies these days..it was such an integral and important part of hindi film songs for so very long...somehow all the actors knew how to play the piano...:D
and we had some amazingly beautiful piano songs over the years....