Tuesday, November 1, 2011

Aadaab

ऐसा अक्सर होता है मेरे साथ; मेरे साथ क्या हम सभी के साथ  के सुबह उठते है कोई एक गाना ज़ेहन में गूंजने लगता है, कभी बहुत सुन्दर गाना भी, कभी घटिया भी, कभी कोई ग़ज़ल भी और कभी कोई भजन भी...और लाख कोशिश करो ये जाता नहीं है, होंठों पे खेलता ही रहता है...कभी कभी तो शर्म भी आती है के ये इतना बकवास गाना जो मुझे बिलकुल पसंद नहीं है फिर भी गा रहा हूँ मैं...पर उसपे कोई बस नहीं चलता..और कभी कभी कोई इतना सुन्दर गाना जुबान पे चढ़ा हुआ होता है के लगता है..वाह!!! आज का दिन तो बहुत खूबसूरत गुज़रेगा.

ये blog बस उन्ही गानों का है...जो मेरे जुबां पे चढ़ते है रोज़ सवेरे, कोई conscious कोशिश नहीं होगी के बस अच्छे गाने ही पोस्ट करूंगा..मैं वो गाने पोस्ट करूंगा जो जो मेरे होंठों पे खिलेंगे सूरज की तरह हर सवेरे...

मानता हूँ बहुत से ऐसे गाने भी होंगे जो आपको बिलकुल नहीं पसंद आयेंगे..तो बेशक कह दीजियेगा...और जो पसंद आये...तो भी कहियेगा...

चलिए आज का गाना सुनते है..:) 

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